कोरबा भाजपा में जारी है “परिवारवाद!”.. न झंडा लगाया , न कभी दरी उठाई और मिल गई नेताओं के करीबियों को टिकट, “वार्ड क्र.7,8,9, 11 विकास महतो के वार्ड सहित कई वार्डो में बगावत की आशंका…

कोरबा: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) लंबे समय से परिवारवाद का विरोध करती आई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने अक्सर परिवारवाद को लोकतंत्र के लिए हानिकारक बताते हुए इसका विरोध किया है। लोकसभा चुनाव 2024 में भी भाजपा ने इसे बड़ा मुद्दा बनाकर विरोधी दलों पर निशाना साधा। लेकिन कोरबा नगर निगम चुनाव में परिवारवाद के आरोप भाजपा पर ही लगने लगे हैं।
*परिवारवाद के आरोपों से घिरी भाजपा*
कोरबा नगर निगम चुनाव के लिए राजनीतिक दलों ने उम्मीदवारों की सूची जारी करनी शुरू कर दी है। टिकट वितरण के बाद से ही भाजपा के भीतर असंतोष के सुर उठने लगे हैं। पार्टी के कई कार्यकर्ताओं का कहना है कि टिकट वितरण में परिवारवाद हावी है। आरोप है कि भाजपा ने कई वार्डों में एक ही परिवार को बार-बार अवसर दिया है, जिससे जमीनी कार्यकर्ता उपेक्षित महसूस कर रहे हैं।
*वार्ड क्रमांक 7,9 और 11,13 में परिवारवाद का दबदबा*
जब हमारी न्यूज़ टीम सीतामढ़ी इलाके के वार्ड क्रमांक 7,8, 9 और 11 में टिकट वितरण को लेकर वार्डो की स्थिति पर जायजा लेने गया तो, कार्यकर्ताओं में खासा असंतोष देखा गया। कार्यकर्ताओं ने मीडिया से चर्चा के दौरान बताया कि वार्ड क्रमांक 9 में पिछले दो पंचवर्षीय चुनावों में सुफल दास को टिकट दिया गया था। इस बार महिला आरक्षित सीट होने पर उनकी भाभी राधा महंत को टिकट दिए गया है। कार्यकर्ताओं का कहना है कि राधा महंत कभी पार्टी की सक्रिय कार्यकर्ता नहीं रहीं।
इसी तरह, वार्ड क्रमांक 11 में विकास रंजन महतो, नवीन पटेल, गोपाल मोदी, अशोक मोदी जैसे भाजपा के बड़े नेता निवास करते हैं, वहां भी परिवारवाद के आरोप लग रहे हैं। ओबीसी सीट पर पिछले दो पंचवर्षीय चुनावों में सुजीत राठौर की पत्नी उर्वशी राठौर को टिकट मिला। इस बार सामान्य सीट होने के बावजूद उसी परिवार को टिकट दिया गया l इसी तरह वार्ड क्रमांक 7, 13, 14 सहित ज्यादातर वार्डों में एक ही परिवार को बार-बार मौका दिया जा रहा है
कार्यकर्ताओं ने बताया ऐसे लोगों को टिकट दिया गया है जो कभी पार्टी के लिए न झंडा लगाया , न कभी दरी उठाई, “कोर कमेटी में बैठे नेताओं के करीबियों को टिकट का वितरण किया गया हैl
*कार्यकर्ताओं में आक्रोश और बगावत की आशंका*
टिकट वितरण में परिवारवाद को बढ़ावा देने के कारण भाजपा कार्यकर्ताओं में नाराजगी बढ़ रही है। लंबे समय से पार्टी के लिए काम करने वाले कार्यकर्ताओं को नजरअंदाज किए जाने पर असंतोष गहराता जा रहा है। कई कार्यकर्ता इस बार बगावत करने या निर्दलीय चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं। कुछ कार्यकर्ता अन्य पार्टियों का समर्थन करने का भी विचार कर रहे हैं।
भाजपा के सामने चुनौती
67 वार्डों वाले कोरबा नगर निगम चुनाव में भाजपा ने कई सीटों पर मौजूदा पार्षदों को फिर से टिकट दिया है। पार्टी के लिए यह चुनौतीपूर्ण स्थिति है कि वह नाराज कार्यकर्ताओं को कैसे संतुष्ट करे। अगर समय रहते असंतोष को नहीं सुलझाया गया, तो इसका असर चुनावी नतीजों पर पड़ सकता है।