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कोरबा: सुसाइड नोट छोड़कर सीएसईबी कर्मी हुआ लापता, “दो महिला कर्मियों पर लगाया प्रताड़ना का आरोप.. मामले की जांच में जुटी पुलिस !

कोरबा/ कोरबा केे बुधवारी स्थित डॉ.श्यामा प्रसाद मुखर्जी ताप विद्युत में कार्यरत एक सीएसईबी कर्मी लापता हो गया है। लापता होने से पूर्व उसने एक सुसायडल नोट छोड़ा है,जिसनें में उसने प्लांट में कार्यरत दो महिला कर्मचारियों की प्रताड़ना से परेशान होकर आत्महत्या करने की बात लिखी हुई है। सुसाईट नोट मिलने से पूरा परिवार सद्मे में आ गया है। उसकी तलाश में जमीन आसमान एक करने के बाद भी जब सफलता नहीं मिली तक पुलिस से शिकायत की गई।

तस्वीर में नजर आ रहे इस युवक का नाम गोपालदास है। बुधवारी के डॉ.श्यामा प्रसाद मुखर्जी ताप विद्युत गृह में कार्यरत गोपालदास लापता हो गया है,लेकिन लापता होने से पूर्व उसने एक सुसाईट नोट लिखा है,जिससे पूरा परिवार टेंशन में आ गया है। सुसाईट नोट में गोपाल में कार्यरत दो महिला कर्मचारियों का जिक्र किया है। उसने लिखा है,कि शिफ्ट इंचार्ज लीना मैडम और जनरल ड्युटी वाली रश्मी उसेंडी उसे काफी प्रताड़ित करती है। सही काम करने पर भी उसे डांटा जाता है और बेवजह उसे परेशान किया जाता है। इसी बात से परेशान होकर उसके द्वारा आत्महत्या किया जा रहा है।

लापता गोपाल दास मुख्य रुप से दर्री थाना क्षेत्र के नवागांव झाबू का निवासी है। जमीन अधिग्रहण के बदल गोपाल को डीएसपीएम में तृतीय श्रेणी की नौकरी मिली हुई है। सीएसईबी कॉलोनी में वह अपनी पत्नी और बच्चों के साथ निवास करता है। बताया जा रहा है,कि शनिवार की सुबह 6 बजे वह ड्युटी गया। उसे दो बजे तक घर वापस आ जाना था। डेढ़ बजे पत्नी की फोन पर बात भी हुई,लेकिन ढाई बजे उसका फोन बंद हो गया। इस बीच दो युवक उसके पैतृक गांव नवागांव झाबू पहुंचे और पिता को सुसाईट नोट थमाते हुए प्लांट के बड़े साहब से बात करवाया,तब जाकर उन्हें गोपाल के लापता होने कमी बात पता चली। पुत्र के लापता होने और सुसाईट नोट मिलने से मानो परिवार के पैरों तले जमीन खिसक गई है। रात में ही उन्होंने दर्री थाना में शिकायत की,जिसके बाद पुत्र को तलाशते तलाशते 24 घंटे से अधिक का वक्त गुजर गया है,लेकिन उसका कुछ पता नहीं चल सका है।

गोपल को लापता हुए 24 घंटे से अधिक का समय हो गया है। इस वक्त वो कहां और किस हाल में है इस बात की जानकारी किसी को भी नहीं है। मगर जिस तरह से सुसाईट नोट में दो महिला अधिकारियों का नाम लिखा गया है,उससे यह मामला और भी गंभीर हो गया है। अगर गोपाल सही सलामत मिल गया तो ठीक मगर उसे कुछ हो गया,तो दोनों महिला कर्मचारियों की खैर नहीं

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