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कोरबा सीतामढ़ी में धूमधाम से हुआ गौरा-गौरी उत्सव, “शिव-पार्वती विवाह, निकली शोभायात्रा…..

कोरबा शहर के सीतामढ़ी इलाके में गौरा गौरी पर्व को विधि विधान से मनाया गया, जिसमें भक्तों ने धूमधाम के साथ गौरा गौरी का विसर्जन किया. गौरी गौरा भगवान शिव और पार्वती के प्रतीक हैं और यह पर्व छत्तीसगढ़ की पुरानी परंपराओं में से एक माना जाता है.

इस पर्व की शुरुआत धनतेरस के दिन से हो जाती है भक्त गाजे-बाजे के साथ गौरा गौरी का विसर्जन नदी और तालाबों में करते हैं. भक्त थिरकते हुए इस आयोजन में शामिल होते हैं, जो छत्तीसगढ़ में अपनी एक अलग पहचान रखता है. मूलतः यह परंपरा आदिवासी समाज द्वारा शुरू की गई थी, लेकिन अब सभी समुदाय और जाति के लोग इसमें भाग लेते हैं. इसी मान्यता को लेकर कोरबा के सीतामढ़ी इलाके रमेश गली में गौरी गौरा का पूजन किया गया जिस पर बड़ी संख्या में बस्ती वासी शामिल हुए

भगवान शंकर व पार्वती के विवाह की रस्में निभाई गई। इस दौरान शिव जी की बारात भी निकाली गई। पारंपरिक वाद्य यंत्रों की मधुर धुन में लोग खूब थिरके। पूजा स्थल को गौरा चौरा कहा जाता है। इसी पूजा स्थल पर रात में फूल कुचरने की परंपरा हुई। दूसरे दिन बाजे गाजे के साथ जाकर खेत से मिट्टी लाई गई। विवाह की रस्में निभाई गई। गौरा गौरी की शोभायात्रा निकली। नाचते-गाते सभी नहर पहुंचे, फिर पूजा-अर्चना की गई। पश्चात गौरा-गौरी की मूर्ति का विसर्जन किया गया।

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