Uncategorized

छत्तीसगढ़ प्रदेश में आचार संहिता कुछ देर में हो जाएगी लागू, “जाने किन चीजों पर रहेगी पाबंदी…

 आज दोपहर तीन बजे राज्य निर्वाचन आयोग प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगी, जिसके बाद प्रदेश में आचार संहिता लागू हो जाएगी। राज्य निर्वाचन आयोग, छत्तीसगढ़ द्वारा आज अपरान्ह तीन बजे राज्य निर्वाचन आयोग कार्यालय में निर्वाचन कार्यक्रम की घोषणा की जाएगी, और नगरीय निकाय व पंचायत चुनाव को लेकर जानकारी देंगे। अपराह्न 3 से राज्य के समस्त निर्वाचन क्षेत्रों में आदर्श आचार संहिता लागू हो जाएगी।

किन-किन चीज़ों पर लग जाती है पाबंदी?

आचार संहिता लागू होने पर सार्वजनिक धन का इस्तेमाल किसी ऐसे कार्यक्रम में नहीं किया जा सकता जिससे किसी विशेष दल को लाभ होता हो।
सरकारी वाहन, विमान या मशीनरी का चुनाव प्रचार में उपयोग नहीं किया जा सकता।
सरकारी वाहन को किसी दल या उम्मीदवार के पक्ष में उपयोग करने की अनुमति नहीं होगी।
सभी सरकारी घोषणाएं, लोकार्पण, शिलान्यास या भूमिपूजन कार्यक्रम आचार संहिता के दौरान नहीं किए जा सकते।
सभी अधिकारियों और पदाधिकारियों के ट्रांसफर और तैनाती पर प्रतिबंध होगा यदि वे चुनाव से संबंधित हैं।
सरकारी खजाने से प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में किसी पार्टी की उपलब्धियों के विज्ञापन पर खर्च नहीं किया जा सकता।
सत्ताधारी पार्टी द्वारा सरकारी खर्च से लगाए गए सभी होर्डिंग्स और विज्ञापनों को तुरंत हटाया जाएगा।
किसी भी पार्टी, उम्मीदवार या समर्थक को रैली, जुलूस या चुनावी सभा आयोजित करने से पहले पुलिस से अनुमति प्राप्त करनी होगी।
कोई भी राजनीतिक दल जाति या धर्म के आधार पर मतदाताओं से वोट नहीं मांग सकता है।
राज्य या केंद्रीय सरकार की आधिकारिक वेबसाइटों से मंत्रियों, राजनेताओं और राजनीतिक दलों से संबंधित सभी संदर्भ हटा दिए जाएंगे।
कृषि-संबंधी उत्पादों के न्यूनतम समर्थन मूल्य का निर्धारण करने के लिए सत्ताधारी पार्टी को चुनाव आयोग से परामर्श करना होगा।

उल्लंघन करने पर क्या होगा?

चुनाव आचार संहिता के नियमों का पालन सभी राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों के लिए अनिवार्य है। अगर आचार संहिता का उल्लंघन होता है, तो चुनाव आयोग इसे गंभीरता से लेगा और उल्लंघन करने वाले उम्मीदवार या राजनीतिक दल के खिलाफ कार्रवाई करेगा। इसके अलावा, संबंधित क्षेत्र के अधिकारी पर भी कार्रवाई हो सकती है, यदि उनके क्षेत्र में उल्लंघन हुआ हो।

मामले की गंभीरता को देखते हुए, चुनाव आयोग उम्मीदवार को चुनाव लड़ने से रोक भी सकता है। यदि जरूरी हो, तो आपराधिक मुकदमा भी दर्ज किया जा सकता है और उल्लंघन के लिए जेल की सजा भी हो सकती है। उदाहरण के तौर पर, अगर किसी वाहन को चुनाव प्रचार के लिए किसी उम्मीदवार के नाम पर अनुमति मिली हो और वह वाहन दूसरे उम्मीदवार द्वारा प्रचार में इस्तेमाल किया जाए, तो यह आचार संहिता का उल्लंघन होगा। ऐसे मामलों में भारतीय दंड संहिता की धारा 171ज के तहत कार्रवाई की जाएगी।

[smartslider3 slider="8"]

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button