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KORBA:ग्राहकों के लाखों रुपए ले भागा कैशियर

0 जमा की पावती दिया लेकिन रकम जमा नहीं किया, जुर्म दर्ज
0 5 लाख रुपए गबन की रिपोर्ट पहले ही दर्ज हो चुकी है
कोरबा। बैंक से 5 लाख रुपए का गबन कर गायब हुए कैशियर ने कई ग्राहकों को भी चूना लगाया है। ग्राहकों द्वारा जमा करने के लिए दी जाने वाली राशि की जमा पावती तो उसने दी लेकिन खातों में रकम जमा नहीं किया। हाल ही में उसके विरुद्ध शाखा प्रबंधक द्वारा दर्ज कराई गई रिपोर्ट के बाद और मामले सामने आए हैं जिस पर एक और एफआईआर दर्ज कर विवेचना की जा रही है।
सिविल लाइन थाना अंतर्गत घंटाघर चौक के निकट संचालित इसाफ स्माल फाइनेंस बैंक की शाखा में कार्यरत रहे फरार कैशियर बिरेन्द्र गिरना के विरुद्ध ग्रामीण खाता धारक ने 71 हजार रुपए गबन करने की रिपोर्ट दर्ज कराया है। पीडि़त रंजीत कुमार पिता सुरित राम निवासी ग्राम बासीन थाना श्यांग ने बताया कि उसने इस बैंक में अपना खाता ट्रेक्टर वाहन की फायनेंस रकम की कटौती के लिए खुलवाया है। 18 जुलाई को अपने खाता में 71 हजार रुपए जमा कर पावती कैशियर बिरेन्द्र से लिया था। किश्त की यह राशि 5 अगस्त को कटना था लेकिन बैंक खाता में 71 हजार रुपए जमा नहीं होने के कारण किश्त का राशि नहीं कटा। जब बैंक में जाकर पता किया तो उसके खाता में उक्त राशि जमा नहीं दिखा रहा है। कैशियर के द्वारा राशि जमा न कर गबन कर लिया गया है। मैनेजर ने बताया कि कैशियर बैंक नहीं आ रहा है और रंजीत कुमार के साथ-साथ भरत सिंह राठिया ग्राम सोलवां, बिहारी लाल ग्राम डूमरडीह, सरिता उरांव बालको का भी रकम जमा न कर नगद लेकर भाग गया है। सिविल लाइन पुलिस ने रंजीत की रिपोर्ट पर बिरेन्द्र गिरना के विरुद्ध बीएनएस की धारा 316 (5), 318 (4) के तहत जुर्म पंजीबद्ध कर विवेचना जारी रखी है।
गौरतलब है कि पिछले दिनों 1 अगस्त को सुबह 11 बजे के बाद भी जब कैशियर बैंक में नहीं पहुंचा तो कामकाज के लिए इक्विटास स्माल फाइनेंस बैंक से डुप्लीकेट चाबियां निकालने के लिए कलस्टर हेड से अनुमति ली गई। जब बैंक का कैश बॉक्स खोला गया और नगदी की गिनती की गई तो 5 लाख रुपए कम पाए गए। इस दौरान कैशियर बिरेन्द्र से लगातार संपर्क करने का प्रयास किया जाता रहा लेकिन संपर्क नहीं हो सका। कैशियर के कारण बैंक को वित्तीय हानि और अपूरणीय क्षति होने से उसके विरुद्ध शाखा प्रबंधक की रिपोर्ट पर धारा 316 (5) बीएनएस के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना व पतासाजी किया जा रहा है।

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